हम काले है तो क्या हुआ
हम काले है तो क्या हुआ
वनमानुष हूं यह जान ले मेरी जान,
हम काले हैं पर दिलवाले हैं मेरी मान।
हँस मत पगली, फँस जाएगी,
धोखा देगा इंसान फिर यहाँ आएगा।
गिरगिटी रंग बदलती दुनिया से लाख गुना हम बढ़िया है,
जानवर ही सही हम,आजकल इंसानियत घटिया है।
हम चुल्लू भर पानी से ही प्यास बुझाते हैं,
वे चालबाज चुल्लू भर पानी में ही डूबकर मर जाते हैं।
अब तो संभल जाओ इंसानी यारो,
हमको नहीं, अपने अंदर के जानवर को मारो।।