हाथ मेरा तुम थामना
हाथ मेरा तुम थामना
दुनिया की इस भीड़ में,
मुझे आवाज तुम लगाना,
मुड़ के जो देखूँ तुम्हें,
हाथ मेरा तुम थामना।
मेरे अधूरे ख्वाबों को,
मुकम्मल तुम कर देना,
मेरे टूटे सपनों को,
पूरे तुम कर देना।
जो शिकवे-गिले थे हमसे कभी,
उन्हें जाहिर जरूर करना,
मिटाकर नफरतों को दिल से,
तिश्नगी मोहब्बत की मिटा देना।