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Sonu Kumar Singh

Others Romance

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Sonu Kumar Singh

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गैरों की बाहों में तुम खुश रहो, दुआ ऐसी दे वो दीवाना कहाँ है

गैरों की बाहों में तुम खुश रहो, दुआ ऐसी दे वो दीवाना कहाँ है

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जाना कहा था, कहाँ आ गए, पता ही नहीं की जाना कहाँ है।
तुम गैर हो ये मैंने तो माना, मगर दिल ने मेरे ये माना कहाँ है।।
 
रोए तो रोए कोई टूटकर, मगर जो गए उनको आना कहाँ है।
कैसे वो आते हमसे बोलने को, उन्हें करने को कोई बहाना कहा है।।
 
समझे जहाँ को, समझ ये नही है, अभी दिल ये मेरा सयाना कहाँ है।
कब तक करे हम वफ़ा की उम्मीदें, वफ़ा करने वाला ज़माना कहाँ है।।
 
सपना थे तुम हम जागे तो टुटा,सपने को हकीकत बनाना कहाँ है।
गैरों की बाहों में तुम खुश रहो, दुआ ऐसी दे वो दीवाना कहाँ है।।
 
जाना कहाँ है कहाँ आ गए, पता ही नही की जाना कहाँ है।।
 
                              


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