जज़्बात -ऐ -हिंदुस्तान
जज़्बात -ऐ -हिंदुस्तान
माँ के सपुत जो कल तक
माँ के आँचल की रक्षा करते थे
वो आज माँ के आँचल में
लिपटे हुए जा रहे हैं।
ये दिल आज ज़ार ज़ार
कर के रो रहा है
समझ नहीं आता कि
यह हमारा देश जो कभी
जंग का आगाज़ नहीं करता,
उस देश के जवानों की पीठ पे
खंजर घोंपकर
कौन सा ख्वाब पूरा
कर रहे हैं ये अत्याचारी।
मालूम है तुमको भी
तूफ़ान सरीखी ये सेना
घुटने नहीं टेकेगी,
इसलिए घात लगाए
तुम लोग पीठ पीछे से
वार करते हो।
हिंदुस्तान अगर दिल है तो
हमारी सेना इस दिल की धड़कन
और ये धड़कन कभी नहीं थमेगी
चाहे जितनी भी कोशिशें कर लो।
तुम असफल हो
एक राष्ट्र के तौर पर
एक ऐसा राष्ट्र जो
अपने लोगों तक को नहीं बख्शता।
जो पाक बस
कहने भर के लिए है
लेकिन इसके इरादे
हमेशा से नापाक ही रहे हैं।
आतंकवाद तुम्हारे घर में बसता है
तुम्हारी तक़दीर तो पहले से ही मुकर्रर है
हमारा देश अनोखा इसलिए है
क्योंकि इस देश में इतनी विभिन्नताएँ है।
पर भूल से भी यह ना सोच लेना
कि यह विभिन्नताएँ हमें विभाजित कर देंगी
हम विशिष्ट हैं
अपनी विभिनताओं की वजह से,
ये हमारी कमजोरी नहीं
बल्कि हमारी शक्ति हैं
इस देश के झंडे की आबरू की कीमत
हम देशवाशियों से पूछो,
अपना लहू देकर भी
इस झंडे की रक्षा करेंगे हम
क्योंकि ये सरज़मीं हमारी माँ है
और ये तिरंगा हमारी माँ का आँचल
जिसके तले हम सुकून की साँस लेते हैं।
आज रात एक बार
आसमान की तरफ गौर करना
आज आसमान में तारों की चमक
कुछ अलग ही हैं।
वो धरती माँ के आँचल के सितारे हैं
जो ज़मीन पे टूट के बिखरे नहीं
बल्कि रात के अँधेरे को रोशन कर रहे हैं।
आज हवाओं में
शहादत का रंग घुल गया है
तिरंगा भी आज आसमान की
आँखों में आंखें डाले खड़ा है।
और आज यह तिरंगा
अपने सपूतों को
हवाओं की मीठी मीठी
थपकियाँ दे रहा है।
हिंदुस्तान वो रोशनी है
जो हम हिन्दुस्तानियों के दिलों में
प्रति पल प्रज्वलित है।
आज ज़ज़्बात-ए -हिंदुस्तान
ये कहता है कि हम
अपने शहीदों को कभी नहीं भूलेंगे।
और हमारी शहादत
हम तुमको ताउम्र
भूलने नहीं देंगे।।