देश हम सभी का है
देश हम सभी का है
न हिन्दू, न मुसलमां का, न सिख, न ईसाई का है
आपस में लड़ना छोड़ो, ये देश हम सभी का है।.
हर जाति-धर्म से बड़ा होता है, राष्ट्र ही सदैव
भेदभाव भुला एक हो, ये देश हम सभी का है।
तोड़ने में लगे हैं सभी, अपने हो या पराये
तोड़े उनके मनसूबे, ये देश हम सभी का है।
होली, ईद, बैशाखी, क्रिसमस की धूम हो सदैव
भिन्न फूलों की माला हम, कि देश हम सभी का है।
मेरी खुशी, तेरी खुशी, तेरा गम हो मेरा गम
एकदूजे का हाथ थामे, कि देश हम सभी का है।
निज-स्वार्थ त्याग कर सभी, हय राष्ट्र-हित आगे बढ़े
हर हाथ में तिरंगा हो, ये देश हम सभी का है।।