मोहब्बत है रेशम की डोरी
मोहब्बत है रेशम की डोरी
मोहब्बत है रेशम की डोरी, जो इंसान समझ जाये,
तो ख़ुदा बन जाये,
है एहसास ज़िन्दगी की डोरी, जो इंसान समझ जाये,
तो ख़ुदा बन जाये,
आँखों में बस तेरी कमी, जो तू मिल जाये,
तो ये तन्हा बदल जाये,
आए हर मौसम में खुशबू, ये धूप भी मानो,
सच छाव में ढल जाये,
हर कोई नही पढ़ पाता दिल की भाषा, जो इंसान समझ जाये,
तो ख़ुदा बन जाये,
अपना ही क्यों दिल को हँसता-रुलाता, जो इंसान समझ जाये,
तो ख़ुदा बन जाये,
माना मोहब्बत दो जिस्मों का मेल, कहाँ दिल लग जाये,
जो इंसान समझ जाये, तो ख़ुदा बन जाये,
मुझे भी हुई बेइंतहा मोहब्बत, करो क्यों सवाल हमसे?
जो आप भी करो मोहब्बत, तो एक और तन्हा बन जाये,