कृष्ण मोहे माफ़ कर
कृष्ण मोहे माफ़ कर
कृष्ण मोहे माफ़ कर
मैं ना करूँ पूजा
मोहे ना ही जान तोरी
ना ही कोई दूजा
तू ठहेरो चक्रधारी
मानव मैं छोटा
तोसे मेरो मेल नहीं
भक्त नहीं खोटा
मूरत तो बहुत देखी
देखा न सामने
दर्शन तुम देत नाही
सुना है नामने
मानव मैं डूब गयो
लालच के बाढ़ में
अब कुछ न दिखे मोहे
पैसन के आड़ में
तू आना तब आना
छोड़ मेरे हाल पे
अब मैं खड़ा हूँ ना
आकर किनार पे
गर तोहे दिखती हो
हालत संसार की
रख लाज दुखियों की
भक्तों के प्यार की।।
******************
शशिकांत शांडिले (एकांत), नागपुर
मो.९९७५९९५४५०