ख्वाब
ख्वाब
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कभी हम भी ख्वाब रखते थे,
आसमान मे उड़ जाने को..
कभी हम भी ख्वाब रखते थे,
सागर मे नाव चलाने को..
कभी हम भी ख्वाब रखते थे,
इक नया जहान बसाने को...
कभी हम भी ख्वाब रखते थे,
ज़मीन पे चाँद लाने को....
कभी हम भी ख्वाब रखते थे,
पापा सा बड़ा हो जाने को..
अब हम भी ख्वाब रखते है "इंदर"...
उस ख्वाब-नुमा बचपन मे लौट जाने को....