क्यूँ न हम प्यार करें
क्यूँ न हम प्यार करें
नौकर-चाकर ना बंगला गाड़ी
धन-दौलत वाला अमीर डैडी
मुझको ना है सुंदरता
रूप, ना रंग !
ना साफ-सुथरे जीने का ढंग
ऐसा क्या हैं मुझ में
जो कोई मुझ से प्यार करें !
जैसे आसमान से
गिरा हुआ टूटा सितारा
सच्चाई की राह पर
बस थका-हारा !
पैर हमेशा जमीन पर
और ख्वाहिशें आसमान
की बुलंदी को छुने वाली !
ऐसा क्या हैं मुझ में
जो कोई मुझ से प्यार करें !
विशाल सागर में जैसे
जीवन मेरा डूबती नैया
अपने हो गये बैगाने
गैरों की क्या शिकायत करूँ ?
चारों तरफ पानी ही पानी,
ना कोई खुशियाँ की तरंग
करें भी तो क्या करे ?
खुद बन गया एक कटी पतंग !
ऐसा क्या हैं मुझमें
जो कोई मुझसे प्यार करें !
सब कुछ खत्म
ना कोई आशा है
ना कोई उमंग रही
समझ सकता हूँ मैं भी
सुख के सब साथी,
दुःख में ना कोई !
मेरा सीधा सा सवाल हैं
क्या साथ लेकर जाओगे ?
खाली हाथ आया था
खाली हाथ जाना हैं,
क्यूँ न अच्छा इन्सान बने ?
ऐसा क्या है तुझ में
जो मुझ में नहीं हैं
क्यूँ न मुझ से प्यार करें !
झुठे बोल मुझे आते नहीं
सच्चे बोल किसी को
लुभाते नहीं
मित्रजन बेहतर मगर
हर हाल में बेच नही सकता
मैं ईमान !
जीवन की रेस,
मेरी भी एक गाड़ी
क्या करूँ ?
दुनिया की नजर में
मैं तो हूँ ड्राइवर,
अनाड़ी हूँ...
नहीं पता सही-गलत
मगर मेरा फैसला अटल !
न कुछ तेरा है ना मेरा है
यह जिंदगी एक-दूसरे के बिना
अधुरी है।
क्यूँ न हम प्यार करें !