आज कुछ कर दिखाना हैं...
आज कुछ कर दिखाना हैं...
आज कुछ कर दिखाना है,
भीड़ से अलग चलना है,
सितारों के साथ चमकना है,
न होना है निराश, असफलताओं से,
न पढ़ना है कमज़ोर मुश्किलों से,
न होना है मायूस, रुकावटों से
आज कुछ कर दिखाना है...
गिर गिर के आज संभालना है,
रुक रुक के आज चलना है,
घबराकर आज नहीं, यू हमें चलना है,
आज कुछ कर दिखाना है...
ऊंचाइयों को आज छूना है,
अँधेरों से आज लड़ना है,
आज कोशिश को हिम्मत बनाना हैं,
आज कुछ कर दिखाना है....
न रोना है, न पीछे हटना है,
न छोड़नी है उम्मीद,
न छोड़नी है इक आस,
बस आज कुछ कर दिखाना है...
नाकामयाबी को बनाना है अपनी ताक़त,
शिकस्त को बनाना है फ़तह,
ज़ीरो से बनना है अब अवल,
फिर, अब कुछ कर दिखाना है,
भीड़ से अलग चलना है,
सितारों के साथ चमकना है ,
आज कुछ कर दिखाना है...!