चाहत
चाहत
तेरे ख्वाबों में मैं अपना ख़्वाब ढूंढ लूँ ।
अलबेली राहों में तेरा साथ बन चलूँ ।
तुझे अपने प्यार में शुमार कर लूँ ।
तेरी ख़ुशियों को मैं बेशुमार कर दूँ ।
देखा है सुरीला ख़्वाब मैंने।
आसमां में घर हो, हर जहाँ का उसमें रंग हो।
बादलों का बिछौना हो, हर ओर संगीत की धुन हो।
और हमारी दिव्यता की चहुँ ओर गूँज हो।
मेरी परछाई में तुम्ही रूबरू हो,
रंग रूप में भी तुम हूबहू हो।
बात-बात में बात बन रही है।
चाहत तुमसे डगमगाते क़दम संभल रही है।
तेरा एहसास ही जीने का मक़सद बना रहा है।
तेरा मर्जी से यूँ आना, मेरी राहें बता रहा है ।।