मधुबाला
मधुबाला
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रूठा सा है आज प्याला
इंतज़ार कबसे कर रहा हाला
उदास बैठा है यहाँ हर पीनेवाला
तेरा मोह है साकी, ना ऐसे कटने वाला
राह तकती जिसकी,आज भी मधुशाला
एक तू ही ऐसी, मधुशाला की मधुबाला ।