तुम्हारी सांसें
तुम्हारी सांसें
तुम्हारी सासें बहारो से परे है
के भरती है ये धडकनो मे उमंग मेरे....
तुम्हारी हसीं उजालो से परे है
जो महकाती है मेरे शाम सवेरे ....
तुम्हारी आँखें रोशनी से परे है
जो चमकाती है मेरे शाम सवेरे....
तुम्हारी सासें बहारो से परे है
के भरती है ये धडकनो मे उमंग मेरे....
तुम्हारी हसीं उजालो से परे है
जो महकाती है मेरे शाम सवेरे ....
तुम्हारी आँखें रोशनी से परे है
जो चमकाती है मेरे शाम सवेरे....