बारिश की बूंदे
बारिश की बूंदे
बारिश की बूंदो से
कैसा मन हर्षाया है
बारिश के इस मौसम ने
दिल का चैन चुराया है ।
ठंडी ठंडी हवा चली है
घर की खिड़की
खुली जो पाकर ।
ठंडी हवा के झोको से
कोई संदेशा आया है ।
संदेशे की खुश्बू ने
दिल का चैन चुराया है ।
रात चाँदनी छुपा छुपी
बादलो के संग करती है ।
काले काले बादल गरजें
बिजली चमकती जाती है ।
बादलो की गरजन से
दिल की धड़कन बढती है ।
याद जो आये साजन की
रात अकेले नही कटती है ।
विरह की राते मुश्किल करती
राते और बड़ी हो जाती ।
जब भी आँख लग जाती है
सपने मे भी याद सताती है
बारिश की ठंडी बूंदो से
ठंडी हवा चिढाती है ।
बस याद पिया की आती है ।
विरह बेदना सही न जाये
दिल मे आग लगाती है ।