हौसला से
हौसला से
हौसला से उड़ा आसमान में,
डोर उम्मीद से था जुड़ा मैं ।
जब पतंगो ने कर ली लड़ाई,
लुटकर फिर पतंगे चला मैं ।।
कैसा रिश्ता सितारों से मेरा,
रात भर चाँद तकता रहा मैं ।
प्यास धरती की बारिश बुझाये,
रूह से कितना प्यासा रहा मैं ।।
दिन की गिनती में लम्हे गुज़ारा,
रात भर ख्वाब मे फिर रहा मैं ।
कितनी उलझन थी दिल में हमारे,
कैसे चाहत में हर पल खड़ा मैं ।।
रौशनी चाँद सूरज में देखा,
घर को रौशन भी ऐसे किया मैं ।
हर परिंदे की चाहत में देखा,
रात जुगनू के पीछे पड़ा मैं ।।
खेल जीवन का जब मैंने समझा,
हर खुशी से किनारा किया मैं ।
छोड़कर दिल को घर से मैं निकला,
फिर नज़र दिल इशारा किया मैं ।।
ख्वाब महंगे सफर दिल है मुश्किल,
बेमरौउत सनम दिल किया मैं ।।