मुझमें मेरा 'देस'
मुझमें मेरा 'देस'
मुझमें जो क्षुद्रता है
वह मेरा है
मेरी इस क्षुद्रता के बावजूद
जो मेरे अंदर कुछ रागात्मकता
बची रह सकी और किसी के लिए
निःस्वार्थ भाव से जो थोड़ा बहुत
कुछ कर सका बदले में उसके
लोगों ने मुझे जो सम्मान दिया
प्रेम और स्नेह दिया
वह इस देस की मिट्टी का प्रताप है
उनकी अतिरिक्त उदारता है
मुझमें जो कायरता है
अनजाने संशय और डर की
जो गिरोहबंदी दिल और दिमाग में
हर पल अपना डेरा जमाए रखती है
वह मेरी अपनी मानसिकता है
मेरा अपना असुरक्षा-बोध है
मगर अपनी इस कायरता के साथ
जो मैं सिर तान कर चल सका
और बदले में लोगों ने मुझे चलने
और दौड़ने के लिए मेरे खुरदुरे पैरों के नीचे
अपनी हथेलियाँ बिछाईं
जब-तब धूल-धूसरित
मेरे तन-मन को अपने सर-माथे चढ़ाया
वह इस देस का मुझपर उपकार है
कहीं गहरे अंदर जो मेरा बेईमान छिपा है
और जिसकी परवरिश में मैंने
कोई कसर नहीं छोड़ी है
मगर मेरी इस बेईमानी के बावजूद
मेरा ही एक हिस्सा जो साबूत और
खाँटी ईमानदार रह सका
वह इस देस की
अपनी खालिश परंपरा है
यह जो मेरा आत्मकेंद्रण है
जो मुझे मेरे सिवा
कुछ और देखने नहीं देता
यह जो मेरी अपनी संकुचित जीवन-दृष्टि है
मगर जब कभी अपने खोल से बाहर आया,
वह आसपास की हवा के राग और अपनत्व से भरे
आमन्त्रण के कारण ही आया
मेरी तमाम कमज़ोरियों के बावजूद
मेरा देस मुझे दुलारता है
मुझमें मेरा देस बसता है
जो दृष्टिकोण है
संभव है वह मेरा हो
मगर उसके पीछे जो दृष्टि-परंपरा
काम कर रही होती है
वह निश्चय ही इस देस का है
एक देखनहारा मात्र हूँ मैं
जो ख़ुद को देखता है
साथ-साथ देस को भी
यह देस, मेरा जनपद है,
यह देस, मेरा जातीय ठाट है,
देसावरी भी यहाँ देसवाल है
देसवार भी यहाँ देस है
भेस ही भेस है
मुझमें मेरा देस है