शादी उसी से होगी
शादी उसी से होगी
आज सुबह खूबसूरत थी,
उसकी वही सादी सी सूरत थी।
सोचा आज इकरार करूँगा,
दिल ने रोक दिया फिर सोचूँगा।
शाम को घर दो पेग बनकर,
बैठा पापा के साथ यो यो के गाने लगा कर।
पापा को कहा मैंने मुझे प्यार हो गया है,
क्या करुँ में मेरा दिल खो गया है।
पापा उछले- कौन है वो मुझे बताओ,
उसके मम्मी-डेडी से हमें भी मिलवाओ।
उसे नहीं पता कहते ही मेरी आँखें भर आई ,
ये इकतरफा इश्क़ है मेरे भाई।
सो सेड ब्रो, कहते पापा ने ग्लास कर दी खाली,
नये जमाने की है या लड़की भोली भली।
अब मैंने भी पेग लगाया,
सारा किस्सा शुरू से कह सुनाया।
मेरे कॉलेज की ही है वो कन्या,
लड़कों से रहती दूर नाम है मान्या।
भोली भाली लड़की लंबे दुपट्टे वाली,
ऑटो से आती है कॉलेज है बाप उसका माली।
नहीं जमेगी जोड़ी मान मेरी बात,
तू हाफ जेकेट टोपी वो पूरी कायनात।
वो चाँद का है टुकड़ा तू है लो दीये की,
वो रूप लक्ष्मी का तू खाए भी पीए भी।
ना करना उससे बात लग जाएगा तुझ पे बेन,
वो दीवानी रफी की तू यो यो का फेन।
वो गाती है लता सी तू सुनता है कक्कड़,
वो बेटी प्रिन्सीपल की तू घूमता है फक्कड़।
माँ नहीं थी उसकी माली ने उसको पाला,
प्रिन्सीपल को कहती डेडी, माली को कहती बाबा।
जा के सो जा खुश रह अपनी जिन्दगी में,
उम्र लग जाएगी तुझे उसकी बन्दगी में।
पापा की बात सुनके मुझको होश आया,
आँखों के आगे अन्धेरा सा छाया।
खुद को खड़ा करके आँखे जरा सहलाई,
सिर पे हाथ रखके कसम ये मैंने खाई।
होगी शादी उसी से जैसा हूँ मैं, जो भी,
वो ही बनेगी मेरी, या मैं बनूँगा जोगी।।