जीवन की राहें
जीवन की राहें
मानव का जीवन सफ़र, किसे मिली है ठाँव
धड़कन की हैं मंज़िलें, साहस के हैं पाँव।
सुख-दुख इसमें मीत हैं, हँसना-रोना साथ,
कितना भी लम्बा जियो, लगे न कुछ भी हाथ।
लाख तरह की मुश्किलें, हो जाती आसान
निकला है जब राह पर, चलता रह इंसान।
माना सब अनजान हैं, लेकिन रख तू आस
जो भी हैं अब अजनबी, कल वो होंगें ख़ास।
उम्मीदों से है भरी, जीवन की ये राह
चलना ऐसी चाल तू, सब की निकले वाह।
कुछ ऐसा पहचान कर, जाना जग में छोड़
जो फिर ना अनजान हो, ज्ञान बढ़ाना जोड़।