होते हैं
होते हैं
ये रिश्ते भी कितने अजीब होते हैं...
कभी मृत तो कभी सजीव होते हैं…
कहीं, तन मन पर अधिकार हो,
हर पल का साथ स्वीकार हो
फिर भी वो रिश्ते निर्जीव होते हैं…
और कभी, ना कहीं कोई बंधन हो…
सिर्फ स्मृतियों का स्पंदन हो…
वो सम्बन्ध, ह्रदय के सबसे करीब होते हैं