खूबसूरती
खूबसूरती
खूबसूरती उनकी
वो ग़ज़ल है,
जो लिख सकूँ,
इतने लफ्ज़ कहाँ पास मेरे!
पर किसी शायर के ख्वाब में,
वो चेहरा,
जो कलम की राह बन,
शब्दों को पिरोकर,
पन्नों पर बिखर जाता है,
बनकर कोई इश्क़-सा!
हर किरदार पढ़कर जिसे,
महसूस कर पाता है,
खुद को किसी प्यार-सा!
जब डूबकर उस शायरी में,
एक चेहरा नज़र आता है,
शांत-सा, प्यारा-सा!
वो चेहरा तुम हो,
वो चेहरा
सिर्फ तुम हो!