भारत-विजय
भारत-विजय
हवाएँ फैला रही है एकता का संदेश।
दिशाएँ दे रही है सोए हुए अरमानों को जगने का संदेश।
हो निर्भय पक्ष को विपक्ष में लाना है।
बस समक्ष अब यही लक्ष्य बनाना है।
है हिम्मत, है ताकत मनोबल ही बढ़ाना है।
साथ चलना है मिलकर रहना है।
बस लक्ष्य यही रखना है कि आगे बढ़ते रहना है।
जीत का जस्बा जगाते चलना है
हर बाज़ी को अपने पक्ष में करते चलना है।
पवित्र मन से प्रार्थना करना है।
और हर ख्वाब से रुबरू होना है।
जय-विजय की गूँज से धरती को पावन करना है।
पल-पल रफ़्तार अब बढ़ाना है।
नवाजिश से हर मन को शुद्ध बनाना है।
सुकून से रहकर हर इनायत के काबिल बनना है।
जिंदादिली से तमाम विश्व पर छाना है
बन अर्षद सुकून की इफ़्तेदा करना है।
हमवतन की रक्षा में देश की रखवाली करना है।
हर हमवतन को खुशहाल रखना है।
जल की निर्मल धारा से बहते चलना है।
सबके दुख पापों को कम करते चलना है।
उन्नति के पथ पर अग्रसर रहना है।