हमें किसने जाना
हमें किसने जाना
सुनाई ना दे पाठ - दिखाई ना दे पाठ
हमे किसने जाना - दुनिया हमें जाने
पागल हो चुका हूँ - परेशान हो गया हूँ
दिल जल गया है - हम तड़प रहें है
कब किसने जाना - हम फंस के जी रहें हैं
कमाल कर चुका हूँ - ख़राब हो गया हूँ
हमे कुछ पता नहीं - किधर जा रहा हूँ
मातलब की दुनिया - मर के जी रहा हूँ
चूकिं फंस गया हूँ - सवाल पूछ रहा हूँ
करीब से जा रहा हूँ - कब्रीस्तान के हवा में जी रहा हूँ
दुआ नहीं मिल रही है - जीने का हुक्म दिया है
में के जी रहा हूँ - मतलब की ज़िंदगी में
अंदाज़ से जी रहा हूँ ,अनजान सा जी रहा हूँ
दिल मे बात कर रहा हूँ - रोते हुवे देख रहा हूँ
सोच के मर रहा हूँ - बेफज़ूल गुजर रहा हूँ
बरसात मे बिक गया हूँ - रोशिनी सेसूख गया हूँ
दुनिया है दुनिया
ये जीवन की दुनिया
मतलब की दुनिया