कोई नहीं
कोई नहीं
मेरी कामयाबी की
वो दुआ करता रहा,
फिर भी वो कहता रहा
तू मेरी कोई नहीं, तू मेरी कोई नहीं।
तकलीफ में देख मुझे
चुपके से आँसू बहाता रहा,
एक ही बात वो कहता रहा
तू मेरी कोई नहीं, तू मेरी कोई नहीं।
मेरी खुशियों में
चेहरा उसका मुस्काता रहा,
बार-बार वो कहता रहा
तू मेरी कोई नहीं, तू मेरी कोई नहीं।
रब की शायद मर्जी यही
कहानी हमारी मुकम्मल नहीं
लो मैं भी यही कहती हूँ
हाँ, मैं तेरी कोई नहीं, मैं तेरी कोई नहीं।