कैसे तेरा सत्कार करूँ ?
कैसे तेरा सत्कार करूँ ?
क्या तुझको मैं अलंकार दूँ ?
कैसे तेरा श्रृंगार करूँ?
मेरी कविता तूँ बोल मुझे ,
किस तरह तेरा सत्कार करूँ?
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माँ के ममता की उपमा दूँ ,
दायित्व पिता का भर जाऊँ ,
बहना के राखी की संज्ञा
हे! कविता बोल मैं दर्शाऊ ,
किसका -किसका तुझे प्यार करूँ?
क्या -क्या तुझमें रसधार भरूँ ?
मेरी कविता तू बोल मुझे कैसे तेरा सत्कार करूँ?
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भूखे नंगो के अश्क़ों से ,
दादी-नानी के किस्सों से,
यारों संग प्यारे लम्हों से ,
हे ! कविता बोल मैं नहलाऊँ?
सबका रोदन खुशहाली में,
बदले ऐसा मैं प्यार करूँ
मेरी कविता तू बोल मुझे
कैसे तेरा सत्कार करूँ?
कैसे तेरा सत्कार करूँ ? --------------------
-------------------------------------------------------------------© shudhanshu sharma