नहीं तो तुम्हारा विनाश
नहीं तो तुम्हारा विनाश
चिता और चिंता में थोड़ा सा फर्क
एक जीते जी जलाती हैं
और दूसरी मरने के बाद ही
नहीं भेद पाया कोई चक्रव्युव्ह।
कौन समझाये उन गधों को
अरे भाई
प्यार और लड़ाई में सब कुछ
जायज नहीं होता,
समझकर भी समझ ना पाये
कितने नासमझ हैं ?
उल्लू बनकर हमारी
जिंदगी खराब ना करो।
हो सके तो जिंदगी में
कोई अच्छा काम करो
नहीं तो चुल्लू भर
पानी में डूब मरो ...।
पाप का घड़ा भरोगे
आखिर कब तक ?
काँटा बनकर मत चुभो,
तानाशाही मत करो।
उपरवाले की लाठी
जब पड़ती हैं ना ...
आवाज होता हैं
ना आहट होती हैं।
अभी भी वक्त हैं संभल जाओ
नहीं तो तुम्हारा विनाश निश्चित हैं।।