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Bhavna Thaker

Others

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Bhavna Thaker

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माँ की ममता

माँ की ममता

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इंसान हो या प्राणी 

माँ की ममता का कोई पर्याय नहीं 

माँ निरंतर नि:स्वार्थ सदैव प्यार देती है 

फिर भी दरिया दिल में ममता का सूखता ही नहीं 

मरुस्थल में मीठा आबशार है माँ

जीवन बगिया की माली माँ

बच्चों की खुशियां का मजमा है माँ

पल-पल पग-पग धरपत है माँ

सानिध्य का आँचल सर पर बिछाती 

ज़िंदगी की धूप में शीतल छाँव है माँ

माँ पृथ्वी है जीवन की धूरी है 

माँ बिना सृष्टि की कल्पना अधूरी है 

चलना, बोलना, खाना, पीना, उठना, बैठना सीखाती है माँ

बच्चा हंसे तो हंसती है माँ 

एक आह बच्चे की निकले सौ मौत मरती है माँ 

माँ पिता भी बन सकती है 

माँ गुरु भी है, माँ सखा भी है माँ सब कुछ तो है

बच्चों के जीवन की सच्ची रहबर है माँ 

तुलना किसी भी प्रेम की 

कर लो माँ की ममता से 

पलड़ा भारी रहेगा झुककर 

करना ना ये खता कभी।


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