जज्ज
जज्ज
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जज्ज
बिन विद्युत के अंधायन में
कोई एक न्याय पुकारे,
फटी-फइलें टूटा मनोबल
सड़े भविश्य पर मक्खी नाचें,
आगे से-पीछे से अगल-बगल
अरु ऊपर से पीकर घूंट विवशता के,
इसी तरह से जज्ज बिचारा
करता है अहम फैसले जनता के!!
करता है अहम फैसले जनता के !!