जीवन
जीवन
मेरे सामने से एक परिवार ग़ुज़र रहा था।
रास्ता उबड़ खाबड़ था।
शायद दिल दिमाग मे आ रहे ख्याल सा...
माँ बाप और एक जवान बेटा....
बाप की उम्र लगभग 78 वर्ष की रही होगी ।
और बेटा होगा 26 वर्ष के आस पास का।
एकलौता सुंदर सुशील बेटा......
कुछ कमी नही थी वो परिवार पूरा था...
मगर ......
हाथ में गाड़ी थी
दोनों चल रहे थे
एक बैठा था...
दायीं आंख बंद थी
टांगे भी टेड़ी थी
पैरों के पास खून सा दिख रहा था।
मुस्कान तीनो के चेहरे पे थी....
शायद सिर्फ चेहरे पर....
.
पुणे की सड़कें ढ़लान चढ़ाई लिए हैं।
गाड़ी बढ़ नही रही थी
शायद पत्थर ने रास्ते रोक रखा था।
शख्स ने रास्ता बदलने की जद्दोजहद शुरू कर दी...
मैं आगे बढ़ी , पत्थर दूसरी ओर फैंक दिया...
और बस जय माता दी....
एक जवान बेटा देख रहा था
उस व्हीलचेयर पर बैठे..
मुझे
फिर अपने माँ बाप को
आज जिनका सहारा बनना था उसने
आज उन्ही के सहारे वो........
सफर आसान नहीं ज़िन्दगी
राहें अनजानी सी
जो सोचा वो हुआ कभी
शायद वो होता नहीं
जय माता दी