यंत्र मानव है तू
यंत्र मानव है तू
यंत्र मानव हैं तू
यंत्र मानव हैं तू ...
कहाँ से आया हैं तू ?
क्या जादू जानता हैं तू ?
सूखा पड़ा इस धरती पे..
क्या पानी बादलो से बरसायेगा तू..?
यंत्र मानव हैं तू...
सूख गए ये जंगल सारे
सूख पड़ी ये नदियाँ..
पंछी जानवर...और हम अदि मानव..
बिना पानी ना रहे पा ये कभी कोई मानव..
ना तू इस धरती का मानव..
बस ना जान सके क्या मुसीबत ये सूखा..
गर जादूगर हैं तू
बस थोड़े बादल बरसा दे तू
यंत्र मानव हैं तू ...