Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Sonam Kewat

Others

3  

Sonam Kewat

Others

उम्र का पड़ाव

उम्र का पड़ाव

1 min
328


देखा होगा तुमने कभी ना कभी,

हर घर का किस्सा ये सच्चा है।

उसी घर में देखा है मैंने भी कि,

साथ रहते एक बूढ़ा और बच्चा है।


बच्चे का जन्म हुआ तो आयीं

सब पर एक नई जिम्मेदारी है।

वो बूढ़ा भी बैठा है वहीं पर,

जिसने देखी दुनियादारी है।


देखो अब कैसे दिन बीत रहा है,

और धीरे धीरे किस्सा बदल रहा है।

बच्चे के दूध के दाँत निकल रहे हैं,

तो बुढ़ापे में वही दाँत झड़ रहे हैं।


वो बच्चा है जो माँ बाप के सहारे,

घर के अंदर अंदर चल रहा है।

और एक बूढ़ा लाठी के सहारे

घर से बाहर निकल रहा है।


एक चल चलकर गिर कर रहा है,

एक गिर गिर कर चल रहा है।

एक की और सब खींचे आ रहे हैं,

और दूसरे से सब दूर जा रहे हैं।


बच्चे की खिलौने से सबर नहीं हैं,

और किसी को बूढ़े की खबर नहीं है।

उम्र का ही खेल हैं ये सब,

कहीं बच्चे तो कहीं बूढ़े का साया है।

ना जाने क्या सोचकर ख़ुदा ने,

उम्र का पड़ाव बनाया हैं।



Rate this content
Log in