अब और हम नही सहेंगे
अब और हम नही सहेंगे
बस अब, और हम नही सहेंगे
एक भी जवान और नही खोयेंगे
शहीदों का बलिदान व्यर्थ न जाने देंगे
मौत का बदला लेकर ही रहेंगे
पुंछ, कारगील मे सबक सिखाया था
फिर भी दुश्मन समझ न पाया था
अपनी हरकतों से बाज न आया था
तब भी हमने माफ़ किया था
ऊरी में दहशतवाद की हद हुई थी
हमारे जवानों की मौत हुई थी
चोट हिन्दूस्तानी के दिल पर हुई थी
घर घर, गली गली, हर शहर हुई थी
अब तो आतंक की हद हो चुकी है
चालीस से ज्यादा जवान शहीद हुए है
हर हिंदुस्तानी के दिल को ठेस लगी है
बस अब कायर शत्रु की मौत आई है
कश्मीर हमारा है, वैसे भी रहेगा
पर पाकिस्तान तू अब नही बचेगा
हर एक वो दहशतवादी नही रहेगा
जो बुरी नजर से हिन्दूस्तान को देखेगा
अब न हम खामोश रहेंगे
ना ही फिजुल का जुल्म सहेंगे
युद्ध खामखा उन्होने छेड़ा है
उनको सबक सिखा के रहेंगे
जवानों के साथ हम सब रहेंगे
जी जान से हम मिलकर लड़ेंगे
दुश्मन को खत्म करके रहेंगे
सिंध, पाकिस्तान हासिल करेंगे
मिटा देंगे हम दहशतवाद को
राष्ट्र विरोधी हर एक गद्दार को
कौम की सौगंध हर हिन्दूस्तानी को
खत्म करो अब पाकिस्तान को