दहाड़ के
दहाड़ के
फिर हुए हो आप घायल,
तो फिर उठो दहाड़ के
करे लोग आप पर दस वार,
तो एक बार में वार दै।
मार के बाधाओं को अब,
चले जिंदगी के मुकाम पै
बोले लोग तो बोलने दो,
लोग डरते ही हैं शेरों के नाम से।
ना रुक के चले कर्म से,
अतीत को पीछे छोड़ के
संघर्ष से नाता जोड़ के,
गमों की दीवार तोड़ दे।
बढ़कर करेंगे खुद को बेहतर,
तो एक दिन लक्ष्य पे
लिखा होगा नाम आपका,
मिल जाओगे अपने वक्त से।