आख़री लम्हे तक ज़िन्दगी जी लो..
आख़री लम्हे तक ज़िन्दगी जी लो..
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ज़ुल्मो-सितम बहुत हुए, ज़रा समझो।
सब्र का प्याला बस भरा समझो।
कौन सच को क़बूलता है यहाँ,
बाज़ार में झूठ ही खरा समझो।
डर कर भागा हालात से जो,
वक़्त से पहले वो मरा समझो।
आख़री लम्हे तक ज़िन्दगी जी लो,
आक़िलों का ये मशवरा समझो।
क्यूँ रक़ीबों की बात सुनते हो,
'गुलाब' को दिल से ज़रा समझो।