ये केसी मोहब्बत?
ये केसी मोहब्बत?
तुम तो समझते थे ना
हर बात जो अनकही थी ।
तुम्हें तो मोहब्बत से ज़्यादा मोहब्बत थी ना
फिर आज मेरी तन्हाइयों में तुम साथ क्यों नहीं ।
तुम तो थड़कनो में बसते थे ना
फिर तुम्हें दिल टूटने कि ख़बर कैसे नहीं।
तुम तो मेरे लफ़्ज़ों कि ज़ुबां हुआ करते थे ना
अब खामोशी पर मेरी तुम बोलते क्यों नहीं।
तुम तो अपनों से ज़्यादा अपने थे ना
फिर आज ज़रूरत पर तुम पास क्यों नहीं।