kishor zote
Romance
उदास मन
में आती
याद तेरी
विरान जिंदगी
में छा जाती
हरियाली !!
सच
होता है
आसमान
अनमोल
आँसू
प्यार में
याद
कुछ लोग
क्यूं ?
शक
यूँ रूठा ना करो तुम हमसे, मेरे दिल की धड़कन बढ़ जाती है। यूँ रूठा ना करो तुम हमसे, मेरे दिल की धड़कन बढ़ जाती है।
मुझे बस इतना पता है तेरी जिंदगी का अहम हिस्सा हूं मैं,, मुझे बस इतना पता है तेरी जिंदगी का अहम हिस्सा हूं मैं,,
तुम किसी और की तो हो, पर बहुत ज़रा सी मेरी भी हो। तुम किसी और की तो हो, पर बहुत ज़रा सी मेरी भी हो।
पता है कि तुम बेवफा हो, चले जाओगे एक दिन फिर भी, पता है कि तुम बेवफा हो, चले जाओगे एक दिन फिर भी,
भावनाओं की जगह, तर्क हावी होने लगता है और जान का रुतबा भी बदलने लगता है। भावनाओं की जगह, तर्क हावी होने लगता है और जान का रुतबा भी बदलने लगता है।
रात ख्वाबों में अक्सर कुछ धुंधली-सी यादों का बसेरा हो जाता है। रात ख्वाबों में अक्सर कुछ धुंधली-सी यादों का बसेरा हो जाता है।
अंधेरे में कुछ पल को खो जाए जब, तो फिर याद आये मुझे अपना रब, अंधेरे में कुछ पल को खो जाए जब, तो फिर याद आये मुझे अपना रब,
प्रिय लिखूँ प्रियतमा लिखूँ, बस मेरी लिखूँ या प्यारी भी संग, प्रिय लिखूँ प्रियतमा लिखूँ, बस मेरी लिखूँ या प्यारी भी संग,
जब वादा कर के जाऊं कि कुछ बदलेगा नहीं जब तुमको समझ में आये कि वो लौटेगा नहीं। जब वादा कर के जाऊं कि कुछ बदलेगा नहीं जब तुमको समझ में आये कि वो लौटेगा नहीं।
चलो आज लिख के बयां करता हूँ सब ,,क्योंकि बोल तो आज भी न पाऊंगा। चलो आज लिख के बयां करता हूँ सब ,,क्योंकि बोल तो आज भी न पाऊंगा।
बैठा हूंँ बनकर दरबान तेरे दर पे आंँखों में तेरा ही इंतजार समाया है। बैठा हूंँ बनकर दरबान तेरे दर पे आंँखों में तेरा ही इंतजार समाया है।
कुछ न कहो...कुछ न सुनो.. बस महसूस करो उसका दर्द ! कुछ न कहो...कुछ न सुनो.. बस महसूस करो उसका दर्द !
उठाती हूं जब जब-जब कलम तुम्हें करीब पाती हूं। उठाती हूं जब जब-जब कलम तुम्हें करीब पाती हूं।
ताक़त हूँ मैं उसकी , मेरा दीद उसकी आँखों में रहता है। ताक़त हूँ मैं उसकी , मेरा दीद उसकी आँखों में रहता है।
तेरे पायल की झंकार से, गूँज उठा मेरी यादों का प्रांगण। तेरे पायल की झंकार से, गूँज उठा मेरी यादों का प्रांगण।
रेल की पटरी की तरह हैं हम दोनों ताकते रहते हैं एक दूसरे को दूर से ही। रेल की पटरी की तरह हैं हम दोनों ताकते रहते हैं एक दूसरे को दूर से ही।
युग का जब -जब भी आविरभाव होगा। राम तुम्हे तब-तब ही वनवास होगा। युग का जब -जब भी आविरभाव होगा। राम तुम्हे तब-तब ही वनवास होगा।
टिमटिमाते तारों की रोशनी में अक्सर तुम नज़र आ जाते हो टिमटिमाते तारों की रोशनी में अक्सर तुम नज़र आ जाते हो
गलती तुम कर लेना ये , गलती ये कर लेना तुम। गलती तुम कर लेना ये , गलती ये कर लेना तुम।
सुरभित समीर के छूने से, गहन - अंध मिट जाते हैं. सुरभित समीर के छूने से, गहन - अंध मिट जाते हैं.