तुम्हारे आने से
तुम्हारे आने से
तुम्हारे आने से मुझ को,
बरसात सुहानी लगती है।
मिलती हूं जब तुमसे,
मुलाकात रूहानी लगती है।
आकर तेरे आगोश में सर्द हवा भी,
मुझे उबलता पानी लगती है।
मिलती हूं जब तुमसे,
मुलाकात रूहानी लगती है।
जिस्म भले ही, दो बनाए खुदा ने,
पर दिल की तो एक कहानी लगती है।
मिलती हूं जब तुमसे,
मुलाकात रूहानी लगती है।
देखकर संग तुम्हारे, मुझे कहते सभी,
मन तो मीरा सी दीवानी लगती है।
मिलती हूं जब तुमसे,
मुलाकात रूहानी लगती है।