वास्को-द-गामा और कोलंबस
वास्को-द-गामा और कोलंबस
वास्को-द-गामा नामक एक पोर्टुगिज़ नाविक
जलप्रवास के लिए निकला था भारत की खोज में
जहाज़ अपनी ले कर वो निकल पड़ा था
यात्रा करने लगा वो अपनी मौज़ में
कोलंबस नामक एक ईटालियन नाविक
वास्को-द-गामा को महासागर मे मिला
बातचीत के दौरान दोनों महानुभवों को
एक दूसरे के अनुभव का ज्ञान मिला
विचारधारा दोनों की ही क्षितिज रेखा के पार थी
तब ही तो उनकी कामयाबी की नाव भी पार थी
यदि वह धर्म पत्नियों के साथ मे निकलते
तो आधे रास्ते तक शायद मुश्किल से पहुँचते
वास्को-द-गामा अपनी एकमेव
पत्नीजी को ले कर निकलते
कोलंबस अपनी दोनों ही
पत्निओं को ले कर निकलते
यदि तीनों महिलाएँ बीच समुंदर
आपस मे एक दूसरे से मिल जाती
तो बातें करने में ही वक्त निकल जाता
व्यापार हेतु निकले उन नाविकों का मूड
जैसे फेमिली टूर में बदल जाता
जगह-जगह से शापिंग कर करके
जहाज़ पर वजन भी तो बढ़ जाता
इतिहास पढ़ लेना ऐ मित्रों हमारे देश से
कोई जलप्रवास के लिए निकला होगा ?
यह विचार मन से निकाल देना कि पति
पत्नी के डर से प्रवास पर नही निकला होगा
हमारा देश तो कभी 'सोने की चिड़िया' कहलाता था
तभी तो हर प्यासा देश, स्वयं कुएँ के पास आता था
आप स्वयं तो वास्को-द-गामा या कोलंबस समझ मत लेना
इस काल्पनिक कविता को वास्तविक्ता से जोड़ मत लेना