Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Dheeraj Dave

Romance

3  

Dheeraj Dave

Romance

प्रेम तुम विश्वास हो

प्रेम तुम विश्वास हो

1 min
7.2K


बह रहे हो हर नदी में तुम करोड़ों बूंद बन कर

उड़ रहे हो बादलों संग श्वेत-नीला रंग बन कर

एक बंगले में खड़े हो तुम सदी से ठूंठ जैसे

और खँडहर में उगी तुम नर्म मखमल घास हो

ये जगत पाखण्ड है और प्रेम तुम विश्वास हो

तुम भोर की किरणों की रंगत, रात का अंधार तुम

तुम गोधुली बेला की आहट, धुप की चिलकार तुम

रेत के साम्राज्य में एक मेघ की मल्हार तुम हो

और गगन को ताकते सुन्दर मयूर की प्यास हो

ये जगत पाखण्ड है और प्रेम तुम विश्वास हो

तुम सर्दियों में मावठे के बाद खिलती धुप से

तुम जेठ के जलते दिनों में राहतों की शाम हो

तुम बारिशों में भीगती नवयौवना के रूप से

और तितलियों को छेड़ते मासूम का उल्लास हो

ये जगत पाखण्ड है और प्रेम तुम विश्वास हो

तुम किताबों में छुपी कोई फटी तस्वीर हो

तुम किसी की याद में रोते ह्रदय का नीर हो

तुम कभी हो खिलखिलाहट या कभी मुस्कान हो

तुम कभी हो साथ सच में या कभी अहसास हो

ये जगत पाखण्ड है और प्रेम तुम विश्वास हो

तुम पहड़ों में मचलती एक झील की आवाज हो

एक अनहद तान तुम हो और कभी ख़ुद साज़ हो

तुम किसी की चाल में संभली हुई सी शर्म हो

और किसी अल्हड नयन में खेलता आकाश हो

ये जगत पाखण्ड है और प्रेम तुम विश्वास हो


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance