प्यार का इकरार
प्यार का इकरार
मैं दिल की उलझन कैसे मिटाये,
क्यों न मैं जी भरके रो लूँ थोडा
प्यार इश्क का पौधा,
मैं और आप मिलकर बोएँ थोडा,
प्यार के बंधन को थोड़ा मजबूत बनाये
आप मेरे दिल को पढ़ लो ना,
मैं कैसे बताऊँ आपको,
मुझे अजीब सा लगता है
आपके बिना हमारा वजूद ही क्या,
जनाब साहब साथ आपका हो ,
तो जिंदगी की राह बड़ी हसीन लगती है
रंग से रंग मिल रहे,
दिल से दिल,
आँखें भी आपके ख्वाब
सजाए बैठी हैं
न जाने क्यों हम दिवाने हो गए आपके,
प्यार में आपके हम पगला गए है