वैसे तौ आसमान बहुत ऊँचा है
वैसे तौ आसमान बहुत ऊँचा है
वैसे तो आसमान,
बहुत ऊँचा है,
पर उसे छूने की हिम्मत,
हमें कहाँ।
ऊपर वाले ने हमारी,
तकदीर मे जो लिखा,
तकदीर बदलने की हिम्मत,
हमें कहाँ।
वैसे तो हम,
अजीब-सी दुनिया में है,
पर इस अजीब-सी दुनिया को,
समझने का ज्ञान,
हमें कहाँ।
पहाड़ से भी ऊँचा,
औदा तुम्हारा,
तुझे छूने की हिम्मत,
हमें कहाँ।
ऊपर वाले ने हमारी,
तकदीर में जो लिखा,
तकदीर बदलने की हिम्मत,
हमें कहाँ।
माना हमने तुझे,
अपना खुदा,
तेरे सामने,
सिर ऊठाने की हिम्मत,
हमें कहाँ।
आसमान की चोटी पे,
तू जा बसा,
वहाँ तक पहुँचने की हिम्मत,
हमें कहाँ।