अगर हम मिलते
अगर हम मिलते
मुझे तुमसे मिलना है प्रिये
पर मिल नही सकती कभी
ससुराल में हूँ
सास ससुर शौहर ननद पड़ोसी रिश्तेदार सब हैं
किसी को गँवारा नही गुज़रेगा
एक शादीशुदा स्त्री का एक लड़के से मिलना
घर पे बुला नही सकती मिलने पचासों सवाल होंगे
कौन है क्यूँ आया है ?? कैसे जाना एक दूसरे को
नेट की दोस्ती भी कोई दोस्ती होती है
कवि है तो क्या हो गया ?
सैकड़ों हज़ारों कवि हैं
सब से मिलोगी क्या
और बात भी ग़लत नही है
पर फिर भी
मुझे तुमसे मिलना है प्रिये
मायके में भी होती तो कौन सा मिल लेती या
मिल भी लेती तो
दिल की सब बात थोड़े ही कह पाती
थोड़े समय का मिलना भी क्या मिलना होता?
मुझे तुमसे बहुत मिलना है प्रिये
या फिर जब बाहर कॉलेज में थी
बहुत साल
तब मिलती
कॉलेज में बुलाती या फिर कहीं बाहर मिल लेती
किसी पार्क में या फिर कहीं बाहर खाने के बहाने
दिल में कोई चोर लेकर
मै तुमसे मिलती प्रिये
और फिर मिलती ही रहती
तुम मुझे जानते ना तो
तुम भी मुझसे मिलते रहते
ये दावा है मेरा
क्यूँकि मैं बहुत अच्छी हूँ और
मुझे अच्छे लोग अच्छे लगते हैं बहुत
हम मिलते प्रिये
मिलने के लिए नही
जानने के लिए मिलते हम
और फिर मिलते ही रहते
जैसा तुमने कहा एक बार
कान काटने की बात या फिर
आलिंगन की चाह या फिर
तुम्हारे माथे पर चुंबन या
बालों को सहलाने की बात
वैसे नही
बिल्कुल भी नही
बिल्कुल बिल्कुल भी नहीं
मुझे तुमसे मिलना था
ऐसे
जैसे किसी को कोई धोखा ना हो
एक दोस्त की हैसियत से
कहते हैं ना
एक लड़का और एक लड़की कभी सिर्फ़ दोस्त नहीं हो सकते
पर हमें होना था
तुम मुझे जानते मै तुम्हें
एक बाहर लॉन में या पार्क गार्डन में
एक एक कप कॉफी और कुछ नाश्ते के साथ मे
चाय मै पीती नही
हम मिलते तो तुम्हे पता होता
ख़ैर
एक एक कप कॉफी और कुछ नाश्ते के साथ मे
ख़ूब हँसते बातें करते
सुहाना मौसम होता
जैसे दून में होता है अक्सर
जहाँ मैने पढ़ाई की है
हम मिलते तो तुम्हे पता होता
ख़ैर
मुझे तुमसे मिलना था प्रिये
मुझे तुमसे मिलना था
काश!