कलाकार
कलाकार
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वो जो ताउम्र रंग मंच पर
एक नया किरदार निभाता है।
कभी किसी का दर्द लेकर
मुस्कान दे जाता है।
जीवन के हर पहलू को
वो कुछ यूँ दर्शाता है।
मानो हर किरदार एक नये
अस्तित्व से पहचान कराता है।
शब्दों का तोल मोल
उससे बेहतर किसे आता है।
फिर भी बिन बोले जो छू जाए मन को
वो ही सच्चा कलाकार कहलाता है।