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Sapna Shabnam

Comedy

4.6  

Sapna Shabnam

Comedy

हमारे असली करता धरता

हमारे असली करता धरता

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733


हमारे यहाँ मौसम में कोई भी ख़राबी आये

जैसे बरसात हो गई

आँधी या तूफ़ान आ गया

ठंड ज़्यादा पड़ गई

या गर्मी ज़्यादा पड़ गई।


प्रकृति का तो दूर-दूर तक

कोई नाम नहीं होता

इन सब के लिये सीधा पड़ोसियों को

जिम्मेवार ठहराया जाता है, जैसे-


अरे भाईसाब !

ये क्या करवा दिया आपने..? 

शर्मा जी ! इस बार तो बहुत ज़्यादा

ठंड पड़वा दिया आपने !


अबकी जून जुलाई में तो

हमारे वर्मा जी ही कहर बरपा रहे हैं

देखो आसमान से कैसे शोले बरसा रहे हैं

अरे चौधरी साब, अब तो सारी उम्मीदें 

आप पर ही टिकी हुई है

थोड़ी बारिश करवा दो यार।


देखो ! गर्मी के मारे

कैसी वॉट लगी हुई है

जब हर एक कोशिश नाक़ाम हो गई

और सबके पसीने छूट गये हैं

तब बारी आती है मिश्रा जी की।


कि अब तो आप ही

मनाइये इंद्रदेव को

लगता है वो हमसे रूठ गये हैं

कहने का मतलब ये है

कि हमने विज्ञान, भूगोल इत्यादि में

जो कुछ भी पढ़ा है

सब झूठ है, सब बकवास है


और इवेपोरेशन के जो कॉन्सेप्ट्स हैं,

ये तो सिर्फ कहने की बात है

सर्दी हो, गर्मी हो, या बरसात हो

असली खौफ़ तो इन्हीं का रहता है।


हल्के में मत लेना इन शर्मा जी,

वर्मा जी, मिश्रा जी को

यही हमारे असली करता धरता है।


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