प्यार तो भगवान का दूसरा रूप..
प्यार तो भगवान का दूसरा रूप..
प्यार किया तो ड्रामा जरुरी है
उदासी, बेचैनी, थोड़ी सी खुशी !
लड़ाई-झगड़े ढेर सारी बातें...
रुठना-मनाना यूँ ही चलता रहे !
प्यार किया तो ड्रामा जरुरी है
वह जिंदगी भी क्या
जिस मे धूप-छाँव ना हो !
हँसी-खुशी के साथ,
दुःख दर्द का अहसास ना हो...
कहते हैं, आसानी से मिले
उसकी कीमत नहीं होती !
प्यार किया तो ड्रामा जरुरी हैं ?
दो दिलों का मिलना,
घरवालों को पता लगना !
फिर एक बार...
लैला-मजनू, हीर-रांझा...
सब कुछ फिल्म जैसा...
संघर्ष ही जिंदगी हैं !
प्यार किया तो ड्रामा जरुरी हैं ?
दुनिया क्यूँ होती हैं
दुश्मन प्रेमियों की ?
क्यूँ नहीं समझ पाती
उनके दिल कि बात...?
प्यार तो भगवान का
दूसरा रूप होता हैं।।