कांचनमाला
कांचनमाला
मेरी फुलवारी का हर फूल है निराला,
सुम कुसुम जोड़के बनाई सुंदर माला,
कब बनेगी ये प्रीतम के लिए वरमाला,
ज़िन्दगी का रंग होगा सुहाना सुनहला।
मेरा बलम है बड़ा छैला रंगीला,
मेरे दिल को जिसने चुरा डाला,
मेरे जीवन में भर दिया उजाला,
ये मेरा प्यार है पहला पहला।
बनेगा हमारा अलबेला घोंसला,
न रहेगा हममें कोई भी फासला,
हमेशा क़ायम रहे हमारा हौसला,
हमरही बनेने का लिए हैं फ़ैसला।
मैं हूँ सचित्र सुचित्र चित्रमाला,
मैं हूँ चमकती हुई कांचनमाला,
मैंने किया प्रियतम को इत्तिला,
जिसके बिन हो जाऊँ मैं शिला।