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Arpit Sharma

Romance

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Arpit Sharma

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तुम जब

तुम जब

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कल सुबह तुम जो उठोगी तो थोड़ा मुस्कुरा देना,

वो क्या है कि इस मौसम में धूप जो नहीं खुलती।

सुनो और जब उठो तो दुपट्टा संभाल लेना,

वो क्या है कि इस मौसम में हवाएं बहुत चलती है।


जब नहाके आओ तो अपने बाल झटक देना,

वो क्या है कि इस मौसम में बारिश अच्छी लगती है।

और ये जो तौलिया है इसे तो दूर ही रखो मुझसे,

वो क्या है कि इस मौसम में भीगना अच्छा है।


मैं तुमसे और क्या ही कहूं

यू नज़रे फेरा ना करो,

इस मौसम में

डूबकर इश्क़ में रहना अच्छा है !


[ प्राची को अर्पित ]


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