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Anantram Choubey

Others

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Anantram Choubey

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माँ की यादें

माँ की यादें

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मेंरी माँ तो अब
इस दुनिया में नहीं हैं
माँ की यादे ज़रूर
सजा कर रखी है
माँ रहने पर हर
मुसीबत दूर रहती है
बच्चों पर माँ से बड़ा
कोई साया नहीं है
माँ के रहते बच्चे
हमेंशा खुश रहते हैं
अपना हर दुख-दर्द
माँ को ही बताते हैं
क्योकि बचपन से ही
माँ से सब कुछ पाते हैं
माँ तो नौ माह गर्भ
धारण करते ही
बच्चे का ख्याल हर
दम ही रखती हैं
बच्चे के गर्भ में
रहने पर माँ बहुत
मुसीबत झेलती हैं 
खाने से लेकर उठने
बैठने ऊपर-नीचे
चढ़ने-उतरने में भी
कई बार सोचती हैं
तभी तो बच्चा भी
पैदा होते ही माँ-माँ
कहकर रोता है
बच्चा रोता है
दर्द माँ को होता हैं
झट उठाकर छाती
से लगाती हैं
अपने आँचल का
दूध पिलाती हैं
बच्चे के चुप होने
पर ही राहत पाती हैं
ऐसी माँ की याद
हमेंशा ही आती हैं
अब तो माँ की यादें ही
माँ की याद दिलाती हैं।


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