तस्वीर की पहचान
तस्वीर की पहचान
रात का दरिया पार कर, हर मुश्किल को पराज कर, अपने दर्दों को रियाज़ कर, नभ की लौ को लाल कर,
जब तस्वीर क्षितिज पर आई है, तब फूलों का प्रेम प्रस्ताव है आया, कहने लगी ले लो मेरी महक और काया,
तितली ने घर दूर न देखा, मेरा भी रंग कहाँ है फीका, कुछ ने तो जाने फरमाया, कुछ कहे तू स्वामी मैं तेरा साया,
मैं पूछूँ उस रात कहाँ थे, जुगनू भी नाराज़ जहाँ थे, अब कहती है कि प्रेम किया है, जीवन तेरे नाम किया है।