कुछ मस्ती कुछ काम करें
कुछ मस्ती कुछ काम करें
नए साल में,
खुद को थोड़ा मोटा हो जाने दो,
चाहे पतला रह जाने दो,
परफेक्ट फिगर जैसे सपनों से बस दूर रहें।
फिट रहें आबाद रहें
ऐसी बॉडी पर राज करें,
जिससे मनचाहे सारे काम करें।
थोड़े–थोड़े शक्की होना,
सवालों से भरपूर रहें,
न्यूटन की दलीलें बदली हैं,
आइन्स्टीन पर ? लगा।
फिर जुमलों की औकात कहाँ,
इन सबसे कोसों दूर रहें,
गूगल विकी को खूब टटोलें सब,
तर्कों से भरपूर रहें।
बदमाशी थोड़ी होने दो,
होने दो नादानी भी,
चेहरे की मुस्कान
सब बातों पर भारी है।
होने दो जेबें खाली भी,
“मिलकर रहना“
सबसे बड़ी इंसानी ताकत है।
आने दो जंजालों को,
आशाओं और उमीदों से भरपूर रहें,
मुश्किल हालातों से जूझे हम,
हारे हम, जीते हम
सच को स्वीकार करें।
तुम्हारी जिद के आधार
तुम्हारे अपने हो,
तू नानू, हूँ मोटू
ये खोटे ख्याल।
कंट्रोल ऑल्ट डीलिट करें,
आकाश जरा सा छोटा है,
पर फैला दो कल्पनाओं के,
जो नयी जमीन,
नया आसमां तलाश करें।
नए साल में,
पागल होना,
थोड़े से दीवाने भी,
जी भर जीना,
औरों को भी जीने देना।
वर्चुअल खुशियों के
धोखे से निकले हम ,
इंसानी दुनिया में खुशहाल रहें।
नए साल में,
कुछ मस्ती कुछ काम करें।