माँ से सुकून मिला
माँ से सुकून मिला
माँ से मिलकर
सुकून पाता हूँ
मिलती है ममता
खुश हो जाता हूँ,
बचपन मे गायों
को दूध दुहती थी
एक गिलास दूध
पीने को देती थी
दो भाई छोटे थे
दोनो को देती थी
चार पाँच गायें
थीं घर मे
बाल्टी भर दूध
निकलता था उनसे
मुँह हांथ धोकर
सुबह दूध पीते थे
भाई बहन घर मे
खूब खेलते थे
किताब लेकर कोई
कहानी भी पढ़ते थे
कहानी को पढ़ते
अच्छा लगता था
मन को भी
सुकून मिलता था
सलेट पहाड़ा और
एक ही किताब थी
कहानी पढ़ने पर
माँ को सुनाते थे
खुश होकर फिर
मक्खन रोटी खाते थे
माँ तो रोज ही
मक्खन निकालती थी
रोटी के साथ मे
खाने को देती थी
माँ के साथ ऐसा
बचपन बीता था
माँ का वो प्यार
कितना सुकून देता था
ऐसा हमारा जो
बचपन बीता था ।